दुर्गा पूजा में पशु बलि बंद करें

 

दुर्गा माता महिषासुरमर्दिनी हैं – बुराई और क्रूरता का नाश करने वाली। वो निर्दोष प्राणियों का खून कभी नहीं चाहतीं। माता के एक हाथ में तलवार है जो अन्याय और अधर्म का नाश करने के लिए है। साथ ही उनके दूसरे हाथ में कमल भी है जो करुणा और शांति का प्रतीक है। इसका मतलब साफ है – तलवार का प्रयोग निर्दोष पर नहीं, क्रूरता पर होना चाहिए। 



हमारे प्राचीन वेद-उपनिषद भी यही कहते हैं कि भगवान दया से प्रसन्न होते हैं, हिंसा से नहीं। अगर हम पूजा के नाम पर खून बहाएँगे तो त्योहार की पवित्रता दागदार होगी। दुर्गा पूजा शक्ति, पवित्रता और रक्षा का पर्व है – इसे निरीह जानवरों की हत्या से नहीं, बल्कि प्रेम और करुणा से मनाना चाहिए।  


1. 📌 ऋग्वेद (10.87.16) – "निर्दोष जीवों को मत मारो।" 

 

2. 📌 यजुर्वेद (36.18) – "मैं सभी प्राणियों को मित्रभाव से देखता हूँ।"  


3. 📌 अथर्ववेद (19.48.5) – "अहिंसा परम धर्म है।"  


🙏 आइए इस दुर्गा पूजा और नवरात्रि को करुणा का पर्व बनाएं। दुनिया को दिखाएँ कि हमारी संस्कृति जीवन का उत्सव मनाती है खून का नहीं।   


👨‍🏫 वीगन सुदेश 

🏡 campaign.sudesh.org


📍facebook.com/stopanimalsacrifice

📍instagram.com/stopanimalsacrifice  

नमस्ते 🙏 कृपया, अपना मैसेज और फ़ोन नंबर लिखें।

Name

Email *

Message *