जमशेदजी नुसेरवानजी टाटा का जन्म 3 मार्च, 1839 को नवसारी, गुजरात में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी उसी शहर में हुई थी। जब वे 13 वर्ष के हुए तो अपने पिता नुसरवानजी के कहने पर अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए बम्बई (मुंबई) चले गये। फिर उन्होंने 1868 में एक निजी ट्रेडिंग फर्म के रूप में टाटा ग्रुप की स्थापना की। जो अभी 24 ट्रिलियन यानी कि 24 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटललाइजेशन के साथ 29 पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के रूप में जाना जाता है।
आजादी के बाद से या उससे भी पहले टाटा भारत में सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड है, वे नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक, लगभग हर चीज का उत्पादन करते हैं। ये भारत में सबसे बड़ी सुपरस्टोर्स श्रृंखला में से एक का संचालन भी करते हैं। लेकिन यह अपने प्रतिद्वंद्वी 'रिलायंस सुपरस्टोर्स' के जैसे शाकाहारी सुपरस्टोर्स नहीं है, जो पूरे देश में संचालित होता है। यहां देखने वाली बात यह है कि टाटा वह कंपनी है जिसने भारत में बढ़ते वीगन बाजार को महसूस किया है। यह अपने वीगन खाद्य उत्पादों में भारी निवेश कर रहा है, चाहे वह पौधे आधारित मीट हो या बर्गर। इसके अलावा उन्होंने वीगन सिल्क साड़ियाँ भी लॉन्च की हैं। उनके ऑनलाइन डिलीवरी ऐप बिग बास्केट में एक विशेष वीगन सेक्शन है और वे नए प्रोडक्ट लिस्टिंग करके छोटे वीगन व्यवसाय का सपोर्ट करते हैं।
मुझे पुणे (महाराष्ट्र) और जमशेदपुर* (झारखंड) में अपनी यात्राओं के दौरान टाटा ग्रुप की उपलब्धियों को और नजदीक से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपने कारखाने के नजदीक उन्होंने पार्कों से लेकर झीलें तक बनाईं हैं। ट्रकों और कारों का उत्पादन करने वाली फ़ैक्टरी के लिए यह बहुत ही असामान्य बात है, मुझे इसमें दिलचस्पी हुई और मैंने इनके इतिहास को थोड़ी जानने की कोशिश की। उनके लिए सामाजिक सरोकार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उत्पाद। जे.आर.डी. टाटा ने एक बार कहा था, "हमें ट्रक बनाने के लिए झील बनाने और पेड़ लगाने की ज़रूरत नहीं थी। लेकिन हमने किया। मुझे जिस चीज़ पर सबसे अधिक गर्व है वह स्टील या ट्रक बनाना नहीं है, बल्कि हमारी सोशल कंट्रीब्यूशन है।"
*1919 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने टाटा ग्रुप के संस्थापक, जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के सम्मान में साकची शहर का नाम बदलकर जमशेदपुर कर दिया। साल 1916 से 1921 तक लॉर्ड चेम्सफोर्ड ब्रिटिश इंडिया के वायसराय और गवर्नर जनरल थे।
☘️ वीगन सुदेश
(प्रो. सुदेश कुमार)